अक्षय नवमी : आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु, शिवजी और माता लक्ष्मी का वास माना गाया है

आंवला नवमी आज है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ का पूजन कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किया गया तप, जप, दान इत्यादि व्यक्ति को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्त करता है। ऐसी मान्यता है कि आंवला नवमी के दिन किए गए उपाय से हर मनोकामना पूरी होने के साथ अगले जन्म तक इसका अक्षय फल मिलता है। इस दिन व्यक्ति को ये 6 उपाय जरूर करने चाहिए।

अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की उत्पत्ति हुई थी। पीपल और केले के पेड़ के अलावा आंवले के पेड़ पर भगवान विष्णु, शिवजी और माता लक्ष्मी का वास इसमे माना गाया है। इस दिन अक्षय लाभ पाने के लिए आंवले के पेड़ की पूजा जरूर करनी चाहिए।

अक्षय नवमी यानि आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन बनाएं और परिवार संग खाना खाएं। इससे अक्षय फल और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। अगर पेड़ के नीचे खाना खाते समय आंवले की पत्तियां गिर जाएं तो इसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद माना जाता है।

ऐसी मान्यता है कि आंवले के पेड़ की उत्पत्ति सृष्टि के निर्माण होने के समय ब्रह्मा जी के आंसुओं से हुई थी इसलिए आंवले को पृथ्वी का पहला फल माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें भोग में आंवला जरूर चढ़ाएं।

दान और ब्राह्राणों को भोजन कराने पर पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। आंवला नवमी के दिन इसका महत्व और लाभ कई गुना बढ़ जाता है। आंवला नवमी के दिन किए गया दान और ब्राह्राणों को भोजन कराने से धन-सम्पदा और सुख-शान्ति में कई गुना बढ़ोत्तरी होती है।

आंवला नवमी पर नई चीजों की खरीदारी शुभ मानी जाती है। इस दिन पर सोना-चांदी, आभूषण और जमीन जायदाद की खरीदारी करने से लगातार भौतिक चीजों में वृद्धि होती है।

आंवला नवमी के दिन आंवले का सेवन करना चाहिए। यह औषधीय फल है और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व है। इसलिए भगवान की कृपा पाने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आंवला जरूर खाना चाहिए।

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