नई दिल्ली : 1 अप्रैल से प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि संभावित है. यह वृद्धि 8 फीसदी तक किये जाने की आशंका है.माना जा रहा है कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढ़ने के बाद ये फैसला लिया जा सकता है.
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आपको बता दें कि पिछले दो सालों में पहली बार गैस के दाम में वृद्धि होंगी. हालांकि गैस की कीमतें यूएस हेनरी हब बेंचमार्क से तय होती है. पावर, फर्टिलाइजर, पेट्रोकेमिकल्स और गाड़ियों के लिए सीएनजी के तौर पर इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़कर 2.7 डॉलर एमएमबीटीयू यूनिट हो सकती है, जो अभी 2.5 एमएमबीटीयू है.वित्तीय वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में ये दरें बढ़कर 3.1 एमएमबीटीयू तक पहुंच सकती हैं.
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गौरतलब है कि 2014 में गैस मूल्य निर्धारण का सरकार ने जो फार्मूला तैयार किया है. उसके अनुसार साल में दो बार पहली बार यह अप्रैल और दूसरी बार अक्टूबर की पहली तारीख को घरेलू गैस की कीमत में बदलाव होगा.इसके लिए अमेरिका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नेशनल बैलेंसिंग प्वाइंट, अलबर्टा (कनाडा) और रूस में गैस की कीमत को आधार बनाया जाएगा.जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की जो कीमत होगी, वह एक तिमाही बाद भारत में लागू की जाएगी.इसलिए इस साल 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच गैस की जो कीमत तय की जाएगी, उसका आधार 1 जनवरी, 2016 से 31 दिसंबर 2016 के बीच का औसत मूल्य होगा.
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