देवी मां के अलग-अलग रूपों को खुश करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं, बस कुछ फूल चढ़ाने से पूरी हो जाएगी मनोकामना।हिंदू नव संवत्सर चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के साथ शुक्रवार से वासंतिक नवरात्र शुरू हो गए हैं। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही मां की आराधना शुरू हो गई।
कपूर के तेल से चमकेगा भाग्य आचार्य प्रदीप ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम 5 बजे के बाद से चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का मान शुरू हो गया। नव संवत्सर (2073 सौम्या संवत्सर) यानी शुक्रवार को पहला व्रत रखा जाएगा।
आचार्य प्रदीप ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम 5 बजे के बाद से चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा का मान शुरू हो गया। नव संवत्सर (2073 सौम्या संवत्सर) यानी शुक्रवार को पहला व्रत रखा जाएगा।  
उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्र 8 दिन के हैं, पंचमी तिथि की हानि रहेगी। रामनवमी का व्रत 15 को रखा जाएगा। नवरात्र के चलते शहर के तमाम देवी मंदिर सज-धजकर तैयार है।
मां शैल पुत्री को सफेद फूल चढ़ाने से चित्त स्थिर होगा। मां ब्रह्मचारिणी को कमल, गुड़हल के पुष्प चढ़ाने से अशांति दूर होती है। मां चंद्रघंटा को कमल का पुष्प चढ़ाना उत्तम रहेगा। कलह का नाश होगा।
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मां कूष्मांडा को पेठा या सीताफल अर्पित करना उत्तम रहेगा। बीमारियों से मुक्ति मिलेगी। स्कंद माता को कमल पुष्प से पूजन करने पर संतान की प्राप्ति होगी।
मां कात्यायनी को कमल व गुलाब पुष्प चढ़ाने से मोक्ष, अर्थ, काम, धर्म की प्राप्ति होगी। मां कालरात्रि को लाल पुष्प प्रिय हैं। सुख-शांति के लिए नारियल अर्पण करना श्रेयस्कर रहेगा।
मां महागौरी को सफेद पुष्प चढ़ाएं। मां सिद्धि दात्री को कमल का पुष्प चढ़ाने से मनोकामना पूरी होगी।
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