मेलोडियस म्यूजिक हमेशा से मुझे पसंद रहा है। 90 के दशक का जो संगीत था उसमें इसका पुट देखने को भी मिलता था। आज भी अच्छा संगीत बन रहा है। मगर फिर भी एक कमी सी लगती है। यह कहना है पद्मश्री गायिका अनुराधा पौडवाल का। इन दिनों उनका अधिकांश समय सामाजिक कार्यों में बीतता है।
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इस पर पौडवाल ने बताया, ‘फिल्मी संगीत से दूर होने के बाद मैंने पूरा ध्यान भक्ति संगीत पर लगाया। इस तरह के संगीत पर काम करते हुए आप किसी दूसरे संगीत के बारे में सोच भी नहीं सकते। ऐसे में मैं लाइम लाइट से दूर हो गई। खुदको भक्ति संगीत में ही ढ़ाल लिया। यह करने के बाद सुकून भी मिला।’
आज के संगीत पर पौडवाल ने कहा, ‘आजकल बहुत कुछ इंस्ट्रूमेंट पर बेस्ड है। ऐसे में मूल भाव कहीं छूट जाता है। बावजूद इसके कुछ सिंगर अच्छा कर रहे हैं। उन्हें देखकर अच्छा लगता है।’
पौडवाल ने बताया, ‘मैं अब इंदौर स्थित सूर्योदय आश्रम से जुड़ गई हूं। संस्थान के जरिए हम किसानों और शहीद सैनिकों के परिजनों के लिए खूब काम कर रहे हैं। जल संग्रहण, बच्चों की शिक्षा, कमजोर परिवारों को रोजगार जैसी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए काम कर रहे हैं। यह सब काम मन को शांति देते हैं।’
गायिका अनुराधा पौडवाल का कहना है कि आज के दौर में कोई भी कंपनी एलबम बनाने में रुचि नहीं दिखा रही।सभी तरफ सिंगल्स का जोर है। हमारे समय में ऐसा नहीं था। एलबम थे तो मेलोडियस संगीत सुनने को मिल जाता था। अभी भी मिलता है मगर थोड़ा कम।’
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