वो महिला जासूस, जिसने कई सेना को अपनी चालाकी से इस तरह था पछाड़ा

यदि कोई महिला सुन्दर हो, बिंदास हो, गजब की लड़ाका सैनिक हो तथा चतुर जासूस हो, तो उसके बारे में आप क्या कहेंगे। जासूसी स्टोरी में किसी महिला का लड़ाका होना हमेशा ही अट्रेक्टिव करता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि महिलाओं का इस प्रकार की भूमिका में कम देखा जाना तथा जो चीज नार्मल नहीं होती है वो हमेशा अट्रेक्ट करती है। ऐसी ही एक महिला जासूस थी नैंसी ग्रेस ऑगस्ता वेक। इन्हें सभी नैंसी वेक भी कहते थे।

वही दूसरे वर्ल्ड वॉर की लोकप्रिय महिला लड़ाकों में से एक नैंसी वेक का जन्म न्यूजीलैंड में 30 अगस्त 1912 को हुआ। किन्तु उनका पालन-पोषण ऑस्ट्रेलिया में हुआ। 16 वर्ष की उम्र में नैंसी विद्यालय से भाग गईं तथा फ्रांस में बतौर रिपोटर काम करने लगीं। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने यह जॉब पाने के लिए झूठ बोला कि वह मिस्र की हिस्ट्री के बारे में काफी कुछ जानती हैं तथा इस बारे में लिखना चाहती हैं।

साथ ही फ्रांस में उन्हें व्यवसायी हेनरी फिओक्का से प्यार हो गया तथा दोनों ने शादी कर ली। वर्ष 1939 में जब जर्मनों ने फ्रांस पर वॉर किया, तो वेक फ्रांसीसी प्रतिरोध के साथ जुड़ गईं। उन्होंने मददगार वायुसैनिकों को स्पेन में सुरक्षित जगहों तक पहुंचने में सहायता दी। वर्ष 1942 में उनके नेटवर्क ने धोखा देकर सारी सुचना जर्मनों को दे दी गई। ऐसे में वो स्पेन होते हुए ब्रिटेन भाग गईं। वही दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान नैंसी ने एक ऐसा गजब का कार्य किया, जिससे हर कोई चौंक गया। जंग में बहुत महत्वपूर्ण सहयोगी देशों के रेडियो कोड्स खो जाने के पश्चात् उन्होंने 500 किमी की दूरी साइकिल से तय करके दुश्मन के क्षेत्र में घुसकर इसके रिप्लेसमेंट लाने का निर्णय किया। सिर्फ तीन दिनों में नैंसी ने ये काम कर दिया। वही नैंसी नेहड़ ही शातिर महिला थी।

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