बड़ी खबर : शबनम की फांसी टली राज्यपाल को भेजी थी दोबारा दया याचिका

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी हत्याकांड की दोषी शबनम की फांसी एक बार फिर टल गई है। शबनम के अधिवक्ता की ओर से राज्यपाल को दोबारा से दया याचिका भेजी गई है। दया याचिका दाखिल होने की वजह से शबनम का डेथ वारंट जारी नहीं हो सका है।

दरअसल, अमरोहा जिला न्यायालय ने अभियोजन से दोषी शबनम का ब्यौरा मांगा था, इस मामले में आज सुनवाई हई। लेकिन शबनम के वकील ने कुछ दिन पहले ही राज्यपाल के पास फिर से दया याचिका भेज दी। दया याचिका राज्यपाल के पास होने के चलते फांसी की तारीख मुकर्रर नहीं हो सकी है।

आपको बता दें कि यूपी के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को 16 अगस्त 2010 को जिला जज अमरोहा सैयद आमिर अब्बास हुसैनी ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद दोनों के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा को चुनौती दी परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली।

यहां तक कि राष्ट्रपति द्वारा भी दया याचिका अस्वीकार कर दी गई। इसके बाद विगत दिनों जिला जज अमरोहा ने डीजीसी महावीर सिंह से 23 फरवरी तक रिपोर्ट मांगी थी। इस रिपोर्ट में जिला जज द्वारा शबनम के केस से संबंधित किसी भी लंबित याचिका या प्रार्थनापत्र की जानकारी मांगी गई थी।

इससे पहले रविवार को रामपुर जेल में शबनम ने अपने 12 साल के बेटे से मुलाकात की थी। रविवार को शबनम का बेटा लालन-पालन करने वालों के साथ अपनी मां से मिलने रामपुर की जेल पहुंचा था। दोपहर लगभग 12.10 बजे वह जेल से अंदर गया और लगभग 1.15 पर बाहर आया। लगभग एक घंटे तक मां-बेटे के बीच मुलाकात हुई।

अपने बेटे को देखकर शबनम ने उसे गले लगा लिया और फूट-फूटकर रोई। उसने अपने बेटे को मन लगाकर पढ़ाई करने की नसीहत दी। लगभग एक घंटे के बाद शबनम का बेटा जेल से बाहर आया तो उसकी आंखों में आंसू थे। वह अपनी के साथ हुई मुलाकात करने के बाद कुछ बताना नहीं चाह रहा था।

जेल प्रशासन अब तक दावा कर रहा था कि शबनम को मथुरा जेल के उसकी फांसी तैयारी किए जाने के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन उसे अब सब कुछ पता चल चुका है। जेल के सूत्रों की माने तो शबनम ने अब महिला बंदियों और जेल कर्मचारियों से बातचीत करना बंद कर दिया है। वह जेल में अक्सर छुप-छुपकर रोती रहती है। खाने-पीने में भी अब उसका मन नहीं लगता है।

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