बेटा बना जर्मनी का सांसद, बूढ़ी मां खुशी से झूमी

kapil-kamboj_landscape_1457811234एजेंसी/यमुनानगर जिले के गांव अलाहर में पले-बढे़ कपिल कांबोज जर्मनी के सासंद चुने गए। खबर मिलते ही बूढ़ी मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। इसकी खुशी अलाहर में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों के चेहरे पर साफ नजर आती है। उन्हें खुशी इस बात की है रादौर खंड का छोटा सा गांव अब जर्मनी के सांसद के गांव के रूप मे भी जाना जाएगा।

कपिल के सांसद बनने का पता चलने पर गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों ने घर आकर बधाईयां दीं। कांबोज परिवार ने भी उनका मुंह मीठा करवाया। परिवार व गांव के लोग अब कपिल के गांव में आने का इंतजार कर रहे हैं। जर्मनी की सरकार व वहां की राजनीति को लेकर अब तक इस परिवार को कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन अब उनमें इसे जानने की उत्सुकता बढ़ गई है।

उधर, अलाहर गांव में राजकुमार की बूढ़ी मां को परिजनों ने जब यह खुशखबरी सुनाई तो उसकी बूढ़ी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। उन्होंने फोन पर अपने बेटे व पोते को इसकी बधाई दी। चुनाव में एफडीपी पार्टी के उम्मीदवार कपिल कांबोज का मुकाबला सीडीयू पार्टी के उम्मीदवार से हुआ था। जर्मनी में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। फ्रैंक फोर्ट में भी भारतवंशी काफी तादात में हैं।

रादौर खंड के अलाहर गांव के राजकुमार कांबोज जर्मनी के फ्रैंकफ्रट में संत निरंकारी मिशन के मुखिया हैं। उनके 30 साल के बेटे कपिल कांबोज ने मार्च 2016 में फ्रैंकफ्रट कैसल बाग सीट से एफडीपी पार्टी की ओर से चुनाव लड़ा था। जर्मनी में इस पार्टी ने केवल यही सीट जीती है। जर्मनी में रहने वाले भारतीय कपिल कांबोज व उनके परिवार को बधाई देने पहुंच रहे हैं।

कपिल के दोनों भाई व उनका परिवार भी जर्मनी में है। कपिल ने कुछ सालों तक जर्मनी में अपना बिजनेस किया। करीब तीन माह पहले ही उन्होंने एफडीपी पार्टी ज्वाइन की थी। कपिल को एक भाई जर्मन पुलिस में है। अलाहर गांव में राजकुमार के दो भाई हरी सिंह, हरी श्याम व उनका परिवार रहता है। यह परिवार अब कपिल के गांव आने का इंतजार कर रहा है।

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