बचपन में एक बार पिताजी ने हमें बिजली का बिल भरने के लिए पैसे दिए…

हमने बिजली का बिल भरने की बजाय उन पैसों से एक लाटरी का टिकट खरीद लिया जिसमें पुरस्कार के रूप में एक कार थी

img_20161106040652शाम को जब घर लौटकर पिताजी को सच बताया तो उन्होंने मार-मार कर मेरी चमड़ी उधेड़ दी, मैं रोते रोते सो गया…

लेकिन अगले दिन प्रातःकाल उठकर जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो घर के बाहर एक नई चमचमाती कार खड़ी थी, उस दिन मैं पुनः बहुत फूट-फूट कर रोया, हमारा पूरा परिवार मिलकर रोया

 क्यूंकि वो कार बिजली विभाग वालों की थी जो हमारे घर का कनेक्शन काटने आये थे और पिताजी ने हमें दोबारा गिरा गिरा कर मारा |

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