प्रियंका गांधी वाड्रा आज सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची और पीडि़त परिवारों से मिलीं…

कांग्रेस महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने मंगलवार को सोनभद्र नरसंहार में पीडि़त परिवारों से किया गया वादा आज निभाया। मिर्जापुर से 20 जुलाई को लौटने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा आज सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची और पीडि़त परिवारों से मिलीं। 

उभ्भा गांव के पीडि़तों से भेंट करने के बाद गांव से बाहर निकलीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को जिस तरह से हटा गया, वह तरीका गलत था। इस प्रकरण पर पहली बार प्रियंका गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रियंका ने कहा कि जिस तरह से यह सब कुछ किया गया वह पूरी तरह से असंवैधानिक था।

यह लोकतंत्र के सभी सिद्धांतों के विरूद्ध था। प्रियंका गांधी इस मामले में पार्टी लाइन पर रहीं। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक था। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी करने के लिए नियम बने हैं। उन नियमों का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।

सोनभद्र की घटना बहुत बड़ी, फिर भी पीड़ितों को किया जा रहा परेशान : प्रियंका गांधी

नरसंहार पीड़ितों से मिलने उभ्भा पहुंचीं प्रियंका वाड्रा दो घंटे तक गांव में रहीं। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय परिसर में परिजनों से मिलने के लिए बनाए गए स्थल पर 1.30 बजे पहुंची। जहां बैठने के लिए लगाई गई कुर्सी पर न बैठकर पीड़ित महिलाओं के बीच जाकर जमीन पर बिछाई गई दरी पर बैठ गईं। इसके बाद एक-एक करके मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनकी स्थिति पूछते हुए सांत्वना दीं। गांव से लौटते समय मीडिया से कहा कि घटना बहुत बड़ी है लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा पीड़ितों को परेशान किया जा रहा है। इसे कांग्रेस उच्च सदन में उठाएगी।

 

 

इसके साथ ही घटना के चश्मदीद रामराज व रामधनी से पूरे घटनाक्रम को जाना। लगभग सवा घंटे इनके बीच विताने के बाद प्रियंका वाड्रा गांव की एक महिला के साथ घटनास्थल पर जाकर खेत को देखा। वहां से आने के बाद मृतकों के घर जाकर घर की स्थिति देखी। इस दौरान कुछ पीड़ितों को दिल्ली भी बुलाया। इसके बाद साढ़े तीन बजे वाराणसी के लिए रवाना हुईं।

इस दौरान सुरक्षा की चौकस व्यवस्था रही। प्रियंका ने पीड़तों के परिजनों से कहां कि वह हमेशा उनके साथ हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी व मिर्जापुर होते हुए सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंची। यहां उभ्भा गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में परिजनों से मिलने के बाद गांव की एक महिला के साथ घटनास्थल भी देखने गईं। 

प्रियंका ने पीड़ितों से 17 जुलाई की घटना के दिन की स्थिति, घटना के बाद की स्थिति और आज की स्थिति के बारे में जाना। इसके साथ ही कहा कि वह लोग क्या चाहते हैं। इस दौरान पीड़ित परिवार ने कहा कि हमारे बच्चों को नौकरी मिले, हमारे ऊपर दर्ज हुए मुकदमे वापस हों, वहीं घटना के लिए दोषी भूर्तिया परिवार को फांसी दी जाए।

इसके साथ ही कहा कि नरसंहार के बाद इस घटना में कुछ बेकसूर लोगों को पुलिस पकड़ी है जबकि दोषी बाहर घूम रहे हैं। निर्दोष लोगों को छोड़ा जाए। इस पर प्रियंका ने वहां मौजूद कांग्रेस नेताओं से कहा कि वह इसके लिए डीएम व एसपी से बात करें। इसके बाद प्रियंका घायलों से मुलाकात करके उनका हाल जानते हुए घटना के बारे में जानकारी ली।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे करीब सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंच गईं। उन्होंने यहां पर वह 17 जुलाई को हुए भूमि विवाद में मारे गए लोगों के आश्रितों और घायलों के पीडि़तों का हालचाल जाना। वह पीडि़त परिवारों के साथ काफी देर तक रहीं। 

मिर्जापुर के नरायनपुर में भारी भीड़ देख रुकीं प्रियंका, महिलाओं ने किया स्वागत

सोनभद्र के उभ्भा गांव जाने को निकली प्रियंका वाड्रा जैसे हीं नरायनपुर पहुंची लोगों की भीड़ देख अपनी गाड़ी रुकवा दी। सड़क किनारे खड़ी दर्जनों महिलाएं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रियंका का जोरदार स्वागत किया।इस दौरान नारेबाजी के बीच मुस्कुराती हुई प्रियंका भीड़ के बीच जा पहुंची जहां उन्हें माला पहनाई गई। इस दौरान एसपीजी सुरक्षा में लगे जवान लोगों को दूर करते रहे लेकिन प्रियंका ने सबसे हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए अभिवादन कर वापस अपनी कार में सवार होकर सोनभद्र के लिए रवाना हो गईं।

यह वही जगह है जहां पिछली बार सोनभद्र जाते समय प्रियंका गांधी को जिला प्रशासन ने रोक लिया था और चुनार गेस्ट हाउस के गए थे। मंगलवार को माहौल अलग रहा, पुलिस चौकन्नी रही और प्रियंका वाड्रा को सकुशल सीमा पार कराया गया। इस दौरान नारेबाजी के बीच मुस्कुराती हुई प्रियंका भीड़ के बीच जा पहुंची जहां उन्हें माला पहनाई गई। इस दौरान एसपीजी सुरक्षा में लगे जवान लोगों को दूर करते रहे लेकिन प्रियंका ने सबसे हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए अभिवादन कर वापस अपनी कार में सवार होकर सोनभद्र के लिए रवाना हो गईं।

यह वही जगह है जहां पिछली बार सोनभद्र जाते समय प्रियंका गांधी को जिला प्रशासन ने रोक लिया था और चुनार गेस्ट हाउस के गए थे। मंगलवार को माहौल अलग रहा, पुलिस चौकन्नी रही और प्रियंका वाड्रा को सकुशल सीमा पार कराया गया।

 बातपुर एयरपोर्ट पर मीडिया ने कई बार बात करने का प्रयास किया, लेकिन प्रियंका गांधी मीडिया से बचती रहीं। एयरपोर्ट पहुंचने के बाद एयरपोर्ट के वीआईपी गेट के बाहर निकलने के बाद कतारबद्ध खड़े कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की किया। इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के स्थानीय नेताओं को लेकर शिकायत भी किया। उसके बाद प्रियंका गांधी 10:00 बजे सड़क मार्ग से सोनभद्र के लिए प्रस्थान कर गयीं।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को सुबह 10 बजे करीब वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचीं। इसके बाद वह सोनभद्र के उभ्भा गांव के लिए रवाना हो गईं। बाबतपुर एयरपोर्ट पर पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र, कांग्रेस नेता अजय राय, पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी सहित कांग्रेस नेताओं ने प्रियंका गांधी को गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

उभ्भा गांव में नरसंहार की घटना के 27 दिन बाद मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के गांव का दौरा करने से एक बार फिर वहां के माहौल में तनाव की आशंका पर प्रशासन हाई अलर्ट पर है। इससे पहले 19 जुलाई को प्रियंका गांधी उभ्भा गांव जाने की जिद पर अड़ी थीं और मिर्जापुर में धरना पर बैठ गई। वहां पर उस दौरान धारा 144 लगी थी। इसके बाद 20 जुलाई को उनको कुछ पीडि़त परिवारों से मिलवाया गया। उसके बाद वह वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ व बाबा काल भैरव का दर्शन करने के बाद नई दिल्ली लौटी थीं।

 

प्रियंका गांधी के आज उभ्भा गांव में आने के कार्यक्रम के कारण नरसंहार का मामला एक बार फिर गरमाने की बात कही जा रही है। प्रियंका वाड्रा दोपहर एक बजे नरसंहार के पीडि़तों से मिलने के लिए उभ्भा गांव में पहुंचेंगी। प्रियंका के आने को लेकर वाराणसी के साथ ही सोनभद्र का प्रशासनिक अमला पूरी तरह से अलर्ट हो गया है।

वह लगातार शासन के संपर्क में है। वहीं वाराणसी, सोनभद्र, मीरजापुर व भदोही के साथ ही पूरे पूर्वांचल के कांग्रेसजन मुस्तैद हो गए हैं। पीडि़त ग्रामीणों को मिलने में किसी तरह की दिक्कत न होने पाए इसके लिए कांग्रेसियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस दौरान किसी तरह की कोई बात न हो इसलिए पुलिस-प्रशासन के लोग भी लगे हुए हैं। सोमवार को एसपीजी के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी गांव का दौरा किया और कार्यक्रम स्थल को देखा।

17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर उभ्भा गांव में नरसंहार हुआ था। उसमें दस लोगों की जान चली गई थी और 28 लोग घायल हो गए थे। घटना के दो दिन बाद ही 19 जुलाई को प्रियंका वाड्रा पीड़तिों से मिलने के लिए आ रही थीं। रास्ते में ही उन्हें नारायणपुर में रोक दिया गया।

इस दौरान वह वहीं धरने पर बैठ गईं। इसके बाद उन्हें नारायणपुर से चुनार स्थित अतिथि गृह ले जाया गया। जहां उन्होंने रात गुजारी। वहीं पहुंची उभ्भा गांव की पीडि़त चार महिलाओं से मिलकर वापस चली गई थीं। जाते समय उनसे कहा था कि फिर वह गांव में आएंगी। उसके बाद एक बार 13 अगस्त को फिर से उनका दौरा उभ्भा गांव के लिए तय हुआ।

सुरक्षा की दृष्टि से एसपीजी ने एक दिन पहले ही पहुंचकर स्कूल को अपने कब्जे में ले लिया। घोरावल एसडीएम डा. कृपाशंकर पांडेय, सीओ केजी सिंह आदि ने मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। यहां जिले के कई थानों की फोर्स लगाई गई है। अपर पुलिस अधीक्षक, सीओ की भी ड्यूटी लगी है।

पीडि़तों से मुलाकात आसानी से हो सके इसके लिए मीरजापुर, वाराणसी व सोनभद्र के कांग्रेसी जुटे हुए हैं। जो सुरक्षा व्यवस्था आदि के बारे में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से जानकारी लिय। इसके साथ ही दोपहर बाद गांव पहुंचे उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कार्यक्रमस्थल को देखा व स्थानीय कांग्रेसजनों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

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