पठानकोट हमले के दौरान हुए खर्च को देने से पंजाब सरकार का इनकार

pathankot-attack_landscape_1457321307पंजाब सरकार ने पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद वहां तैनात किए गए सैनिकों और अर्धसैनिक बलों का खर्च देने से इनकार कर दिया है। आतंकवादियों से निपटने और संभावित खतरे को देखते हुए 2 जनवरी से 27 जनवरी तक इनकी तैनाती की गई थी। इस दौरान 6.35 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

गृह मंत्रालय की ओर से भेजे गए एक पत्र में राज्य सरकार से 20 कंपनियों की तैनाती का खर्च हुए 6.35 करोड़ रुपए देने के लिए कहा गया था लेकिन राज्य सरकार ने यह कहते हुए रुपए देने से इनकार कर दिया कि इन सैनिकों की तैनाती राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत हुई थी। इसलिए वह इस खर्च का भुगतान नहीं करेंगे।

पत्र के मुताबिक प्रत्येक कंपनी पर रोजाना 1,77,143 रुपए का खर्च होता था। इसके अलावा पंजाब सरकार से तैनाती के दौरान यातायात पर हुए खर्च का भुगतान करने को कहा गया था। इस दौरान अर्धसैनिक बलों (सीआरपीएफ) की 11 कंपनियों और बीएसएफ की 9 कंपनियों की तैनाती की गई थी।इस बिल के जवाब का देते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि सैनिकों की तैनाती राष्ट्रीय हित में की गई थी। इसलिए इस पर हुए खर्च की भरपाई की जिम्मेदारी राज्य सरकार को नहीं देनी चाहिए।

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इन सैनिकों की तैनाती राष्ट्रहित में की गई थी इसलिए इस पर हुए खर्च का दायित्व राज्य सरकार का नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हां, यह अलग बात है कि अगर जाट आरक्षण आंदोलन जैसी परिस्थिती में अगर सेना की तैनाती की जाती है तो उसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। लेकिन अगर पाकिस्तान की ओर से हमला किया जाता है कि तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।’

गौरतलब है कि एक और दो जनवरी की रात को पठानकोट में स्थित वायुसेना स्टेशन पर आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से सैनिकों और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। इन्हीं सैनिकों की तैनाती पर हुए खर्च का भुगतान करने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे लेकिन राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया।

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