नरपिशाच कोली को सातवीं बार मिली सजा-ए-मौत

surinder-koliनोएडा सहित पूरे देश को दहला देन वाले निठारी कांड के सातवें मामले में आज सीबीआई  कोर्ट ने गुनाहगार सुरेंद्र कोली को सातवीं बार मौत की सजा सुनाई।

सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने सुनवाई की पिछली तारीख पर ही कोली को दोषी करार दिया था। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच कोली को अदालत में पेश किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उसे सातवीं बार मौत की सजा सुनाई।

 सजा सुनाए जाने के बाद कोली के चेहरे पर चिंता की लकीरें और परेशानी साफ नजर आई। कोली ने एक 11 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण करने के बाद उसकी हत्या कर उसके साथ दुष्कर्म किया था।

सीबीआई के वरिष्ठ लोक अभियोजक जे पी शर्मा ने बताया कि भारत के इतिहास में अपने आप में यह पहला ऐसा मामला है जिसमें किसी मुजरिम को अलग-अलग मामलों में सात बार फांसी की सजा हुई हो। अभी इस कांड से संबंधित नौ मामले लंबित हैं जिनमें फैसला आना है। सात मामलों में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद आज पहली बार सुरेन्द्र कोली ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उसकी दलीलों को अदालत ने नहीं सुना। इसीलिए उसने सजा के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

 

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