देश में 13 ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें भारत दुनिया में अग्रणी बन सकता है सरकार ने सात सालों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया है : पीयूष गोयल

कोरोना संकट के बीच पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में हुई चर्चा को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी.

पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने पिछले सात सालों में उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके लिए एक ईको सिस्टम बनाया गया है. देश में 13 ऐसे क्षेत्र हैं जिसमें भारत दुनिया में अग्रणी बन सकता है. उन्होंने बताया कि बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में व्हाइट गुड्स (एसी, एलईडी) और  हाई फ्रिक्वेंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स के क्षेत्र में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दी गई है. इससे इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ उत्पादन और रोजगार बढ़ेगा.

पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि 13 सेक्टर में 2 लाख करोड़ का निवेश और 1 करोड़ लोगों को रोजगार देने का अवसर दिया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक Production Linked Scheme को मंजूरी देने का भी फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि फार्मेसिटिकल सेक्टर या IT सेक्टर इसका उदाहरण हैं और इसकी पहले घोषणा हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि आज पीएलआई के तहत 2 स्कीम को मंजूरी दी गई है. पहले ही 4 स्कीम को मंजूरी दी जा चुकी है. कुल मिलाकर अभी तक 9 स्कीम को मंजूरी मिल चुकी है. बाकी 4 स्कीम को भी जल्द मंजूरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 13 स्कीम में 2 ट्रिलियन डॉलर यानी डेढ़ करोड़ करोड़ रुपये का उत्पादन किया जाएगा और 35 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त आउटपुट किया जाएगा.

पीयूष गोयल ने बताया कि सोलर पीबी मॉड्यूल 10000 MW अतिरिक्त  PLI स्कीम से उत्साहित होंगे. आगे चलकर सोलर सेक्टर में आत्मनिर्भर हो जाएंगे. इसमें 30,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसी तरह एसी सेक्टर में भी पीएलआई का फायदा मिलेगा. इस सेक्टर में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हर साल हो रही है साथ ही. AC के कॉम्पोनेन्ट अभी भी आयात होते हैं.

उन्होंने कहा कि आज की मंजूरी के बाद AC के कॉम्पोनेन्ट को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे 75 फीसदी कॉम्पोनेन्ट भारत में बनेंगे. वहीं एलईडी सेक्टर को लेकर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से जुड़े 90 से 95 फीसदी कॉम्पोनेंट भारत में बनने लगे हैं. कुछ कॉम्पोनेन्ट आयात होते है. इसको भारत में बनाने के लिए पीएलआई स्कीम के तहत तहत मंजूरी दी गई है. AC और LED सेक्टर में कॉम्पोनेन्ट के लिए 6238 करोड़ रुपये की PLI स्कीम को मंजूरी मिली है.

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