जिस फसल के लिए 2872 का कर्जा लिया, उसका बीमा क्लेम मात्र 268 रुपए

kishan_bima_20161218_13711_17_12_2016साल 2015 में ओलावृष्टि और अधिक बारिश से खराब हुई फसलों की बीमा राशि किसानों को बांट दी गई है। 10 दिसंबर को श्योपुर आईं प्रभारी मंत्री ललिता यादव ने 645 किसानों को बीमा क्लेम के प्रमाण-पत्र बांटे थे। फसल बीमा के नाम पर अधिकांश किसानों के साथ मजाक किया गया है। क्योंकि किसानों ने फसल के लिए जितना कर्ज बैंक(केसीसी) से लिया, यानी फसल को करने में जितना खर्च हुआ है उसकी 10 प्रतिशत राशि भी बीमा क्लेम के तौर पर नहीं मिल पाई। जिले में कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें पूरे 100 रुपए भी बीमा के तौर पर नहीं मिले, जबकि उनके हजारों रुपए और महीनों की मेहनत जाया हो गई।

फसल बीमा की विसंगति को ऐसे समझिए कि सरजूपुरा के लक्ष्मण पुत्र बंशीलाल शर्मा ने पांच बीघा खेत में सोयाबीन की थी। इस फसल के लिए लक्ष्मण ने किसान के्रडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 2 हजार 872 रुपए का कर्ज लिया था। ओलावृष्टि से सोयाबीन की पकी-पकाई फसल बर्बाद हो गई। चूंकि केसीसी के साथ फसल का बीमा हुआ था, इसीलिए जब बीमा की राशि लक्ष्मण के खाते में आई तो वह मात्र 268 रुपए और 64 पैसे थी। इस बीमा की राशि को देख किसान लक्ष्मण सन्न रह गया, क्योंकि इस राशि से तो एक खाद का बोरा भी नहीं आएगा। तीन महीने तक उसके पूरे परिवार ने फसल के लिए दिन-रात मेहनत की। करीब साढ़े आठ हजार रुपए खर्च किए, लेकिन बीमा क्लेम मिला 268 रुपए। ऐसा केवल लक्ष्मण के साथ नहीं हुआ। जिले के कई किसानों को इतना कम बीमा मिला है कि उससे एक महीने के लिए खाने का अनाज तक नहीं आएगा।

मात्र 94.25 रुपए का क्लेम

कई किसान तो ऐसे हैं, जिन्हें बीमा क्लेम के तौर पर पूरे 100 रुपए भी नहीं मिले। ज्वालापुर के किसान आरिफा मोहम्मद पुत्र मेहमूद खां को 94 रुपए 25 पैसे का बीमा मिला है। इसी गांव के इलिसास पुत्र बाबू खां, नसीर पुत्र बाबू खां, बाबू पुत्र बहादुर खां, मेहमूद पुत्र कमरुद्दीन खां को 157-157 रुपए का क्लेम दिया गया है। मालीपुरा के गोवर्धन पुत्र लालजी माली को निवासी मालीपुरा को मात्र 134 रुपए का बीमा क्लेम मिला है। ऐसे कई किसान हैं, जिन्हें 94 से 200 रुपए राशि मिली है।

प्रीमियम से चार गुना मिला मुआवजा

फसल बीमा के लिए सभी किसान व उनकी फसलों पर एक ही नियम लागू किया गया है। किसानों ने फसल का जितना प्रीमियम दिया है उन्हें उसका चार गुना मुआवजा मिला है। जिन किसानों ने प्रीमियम के तौर पर 347 रुपए दिए हैं उन सभी किसानों को 1586-1586 रुपए का क्लेम मिला है। जिन्होंने 2544 रुपए प्रीमियम भरा उन सभी किसानों को 11629-11629 रुपए का क्लेम दिया गया है।

प्रमाण-पत्र देने में भी शर्म आ रही

किसानों के बीमा की राशि उनके बैंक खातों में जमा करा दी गई है। बीमा राशि के प्रमाण-पत्र बाद में बांटे जा रहे हैं। जिन किसानों को 10, 20 हजार या इससे ज्यादा बीमा मिला है उन्हें प्रमाण पत्र देने में कृषि विभाग के अफसर व कर्मचारी भी रुचि ले रहे हैं, लेकिन जिन किसानों को 100-200 रुपए या इससे कम बीमा क्लेम मिला है उन्हें प्रमाण पत्र बांटने में कृषि विभाग के अफसर भी शर्मा रहे हैं। ऐसे किसान भी प्रमाण-पत्र लेने को तैयार नहीं हैं। तभी तो अधिकांश किसान प्रभारी मंत्री के कार्यक्रम में नहीं आए।

 

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