कूर्म द्वादशी के दिन घर में कछुआ लाने से मां लक्ष्‍मी की कृपा सदा बनी रहती है : धर्म

पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को कूर्म द्वादशी के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु के कूर्म यानी कछुए के अवतार को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की विधि-विधान से पूजा कर मनोवांछित फलों की प्राप्ति की जा सकती है. कूर्म द्वादशी के दिन दान-धर्म और श्राद्ध कार्यों से पापों का नाश होता है. इस बार 25 जनवरी को कूर्म द्वादशी मनाई जाएगी.

इस दिन सुबह उठने के बाद सबसे पहले स्नान करें. इसके बाद निर्जला रहकर भगवान विष्णु की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें. हालांकि जल और फल ग्रहण के साथ भी यह व्रत किया जा सकता है. व्रत का संकल्प लेने के बाद मंदिर जाकर भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की पूजा करें. पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें और व्रत का पारण करें.

कूर्म द्वादशी के दिन घर में कछुआ लाने का बड़ा महत्व बताया जाता है. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी की कृपा सदा बनी रहती है. घर में कछुआ रखने से आर्थिक संकट टलता है. घर के अलावा नई दुकान आदि में भी आप चांदी का छोटा सा कछुआ रख सकते हैं. हालांकि इसे घर की गलत दिशा में रखने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं.

अगर करियर में खूब तरक्की चाहते हैं तो काले रंग के कछुए को उत्तर दिशा में रखें. इससे ऊर्जा बढ़ने से बिजनेस और करियर में तरक्की की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. घर के मुख्य द्वार पर पश्चिम की दिशा में कछुआ रखने से सुरक्षा मिलती है. दफ्तर या घर के पिछले हिस्से (बैकयार्ड) में कछुए को रखने से अपार ऊर्जा का एहसास होगा और आप अपने सभी कार्य ठीक तरीके से कर पाएंगे.

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