इंसान की पहचान उसके स्वभाव से होती है: महात्मा विदुर

विदुर का नाम महाभारत के मुख्य पात्रों में लिया जाता है। पांडु जब हस्तिनापुर के राजा बने तो उनके प्रधानमंत्री विदुर बने थे। विदुर का जन्म एक दासी के घर में हुआ था। दासी परिवार के होने के कारण उन्हें राजा बनने का अधिकार नहीं था। इसलिए विदुर को राजा का प्रधानमंत्री बनाया गया था। विदुर पांडवों के बहुत करीब थे। वह सही का साथ देते थे। विदुर समय को देखते हुए अपने नीतियों के माध्यम से धृतराष्ट्र को भी समझाते रहते थे। जिस नीति से वह धृतराष्ट्र को समझाते थे। उसे विदुर नीति कहा गया।

इंसान की पहचान उसके स्वभाव से होती है। अगर कोई व्यक्ति सरल और सजग स्वभाव का होता है तो उसे सभी पसंद करते हैं। वहीं अगर उलटे स्वभाव का व्यक्ति कभी किसी का प्रिय नहीं हो पाता है। लोग उसकी मदद करने से भी कतराते हैं।

जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है, वह हर समस्या का सामाधान निकाल लेता है। साथ ही लोगों की मदद भी बुरे वक्त में करके उनकी परेशानियों को कम कर देता है। ज्ञानी लोग अपने ज्ञान के दम पर समाज में अपनी जगह बनाते हैं। उन्हें किसी भी चीज की दिक्कत नहीं होती है। वह अपने ज्ञान से सब कुछ हासिल कर लेते हैं।

जो व्यक्ति अपने जीवन में विवेक से कोई भी फैसला लेता है, वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में हमेशा सफल रहता है। उसे कोई समस्या नहीं होती है, वहीं अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में बिना सोचे—समझे फैसला लेता है तो वह पूरी जिंदगी पछताता रहता है।

विदुर के अनुसार समय चाहे अच्छा हो या बुरा हमें हमेशा दूसरों का उपकार याद रखना चाहिए। कुछ लोगों की यह गलत आदत होती है, बुरा वक्त खत्म होने के बाद वह लोगों की मदद को भूल जाते हैं। ऐसे लोग लंबे समय तक सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाते हैं। उन्हें जीवन में बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों की खुशी कुछ समय के लिए होती है। इंसान वहीं सफल होता है। जो लोगों की मदद को याद रखें।

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